Wednesday 11 January 2012

भारत म्हारो देश

भारत म्हारो देश पुठरो वेश, कि धन धन भारती
बोलो जय-जयकारउतारो आरती, (ओ उतारो आरती)-॥धृ॥

सोनो उगले धरती अम्बर, मोतीड़ा बरसावे रे
मुळकै सूरज चाँद गीत, कोयलड़ी मीठा गावे रे
हिमगिरि योगी राज शीश पर, ताज की गंगा वारती
समदरिया री लहरां, चरण पखारती (ओ उतारो आरती)-२ ॥१॥ 

कुण भूललो राणा नै, चेतक नै हल्दीघाटी नै
वीर शिवा-सो सूर कठै, दुनिया पूजै इण माटी नै
रणचंडी रो मोड़ दुर्ग, चित्तोड़ कि मौत भी हारती
 जौहर री लपटां नै, रोज निहारती (ओ उतारो आरती)-२ ॥२॥

तिलक गोखले भगत बोस, बापू झाँसी री महाराणी
जौहर देख जवानां रो, तू बता कठै इतरो पाणी 
गीता रो उपदेश, कर्म संदेश कृष्ण-सा सारथी
आज भरत री धरा विश्व ललकारती (ओ उतारो आरती)-२ ॥३॥

केशव माधव रो संघनाद, जण-जण रो हियो गूँजावे रे
आत्मत्याग और देशप्रेम रो, सबने पाठ  पढावे रे
भगवे ध्वज री आण, देश री शाण सदा सिंगारती
संगठना री शक्ति देश संवारती (ओ उतारो आरती)-२ ॥४॥

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