Sunday 30 October 2011

नमन करें इस मातृभूमि को


नमन करें इस मातृभूमि को, नमन करें आकाश को
बलिदानों की पृष्ठभूमि पर, निर्मित इस इतिहास को ॥धृ

इस धरती का कण-कण पावन, यह धरती अवतारों की है 
ऋषि-मुनियों से वन्दित धरती, धरती वेद-पुराणों की है 
मौर्यगुप्त सम्राटों की यह, विक्रम के अभियानों की है 
महावीर गौतम की धरती, धरती चैत्य विहारों की है 
नमन करें झेलम के तट को, हिममंडित कैलाश को ॥१॥

याद करें सन सत्तावन की, उस तलवार पुरानी को हम 
रोटी और कमल ने लिख दी, युग की अमिट कहानी को हम 
माय मेरा रंग दे बसंती चोला, भगतसिंह बलिदानी को हम 
खून मुझे दो आज़ादी लो, इस सुभाष की वाणी को हम 
गुरु गोविन्दसिंह की कलियों के उस, अजर अमर बलिदान को ॥२॥

आओ हम सब मिल-जुल कर यह, संगठना का मंत्र जगायें  
व्यक्ति-व्यक्ति के हृदय में, राष्ट्रभक्ति के दीप जलायें 
हिन्दू-हिन्दू सब एक संग हो, भारत माँ का मान बढायें 
अन्नपूर्णा भारतमाता, जग के सब दुख दैन्य मिटाये 
अर्पित कर दें मातृभूमि हित, तन मन धन और प्राण को ॥३॥

1 comment:

  1. ये गीत हमें बहुत पसंद है |
    कृपया इस गीत का ऑडियो भी उपलब्ध कराएं |

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